



यह संसार काल का जाल है भक्ति करके ही छुटकारा पाया जा सकता है – संत रामपाल जी महाराज
रिपोर्ट – जिला ब्यूरो जीतेन्द्र तिवारी
रायबरेली – हम आपको बताते चले कि आज 5 जनवरी दिन रविवार को जिला रायबरेली के डलमऊ तहसील मोहन बाल विद्या मंदिर मे में एल.ई.डी. टीवी के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में सत्संग समारोह आयोजित किया गया जिसमें संत जी ने अपने प्रवचनों में शास्त्र आधारित भक्ति का महत्व समझाया और समाज में व्याप्त समस्याओं का समाधान सतभक्ति के माध्यम से बताया। संत रामपाल जी महाराज ने गीता अध्याय 4 श्लोक 34 का उदाहरण देते हुए कहा कि तत्वदर्शी संत की शरण में जाकर शास्त्र-सम्मत साधना करने से ही मोक्ष संभव है। उन्होंने समझाया कि यह संसार काल का जाल है, जहां मनुष्य झूठे सुखों की दौड़ में फंसा हुआ है। केवल सच्ची भक्ति ही उसे इन कष्टों से मुक्त कर सकती है। संत जी ने पवित्र वेदों और अन्य धर्मग्रंथों के प्रमाणों के आधार पर स्पष्ट किया कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं, जो सृष्टि के रचनाकार हैं। उन्होंने कबीर साहेब की वाणी का संदर्भ दियाः”झूठे सुख को सुख कहे, मानत है मन मोद। खलक चबैना काल का, कुछ मुंह में कुछ गोद।” सत्संग में श्रद्धालुओं ने संत जी के शास्त्र-संगत ज्ञान को आत्मसात करने की उत्सुकता दिखाई। उनके प्रवचनों ने न केवल आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाई, बल्कि लोगों को दया और एकता की भावना से जोड़ने का कार्य भी किया।उपरोक्त कार्यक्रम मे सेवादार देवराज दास, जय नारायण दास, अशोक दास, संदीप दास, शिवम दास, कमलेश दास, कुसमा दासी, सर्वेश्वरि दासी वा सैकड़ो कि सख्या मे श्रद्धालु मौजूद थे।